Friday, July 16, 2010

अवसर अनेक तो मुद्राएं भी अनेक


आज 16 जुलाई। मैं पूरी 8 माह की।
पिछला माह मेरा खूब धमाचौकड़ी भरा रहा। खूब आनंद लिया मैंने विभिन्‍न अवसरों पर। कभी अकेले बैठकर तो कभी मां-बाबा के साथ।
अगला महीना भी मैं धमाचौकड़ी में गुजारना चाहूंगी।
हां, आपसे मिलना नहीं छोड़ूंगी।

ये मैं-


ये मेरी रूमाल-

ये मेरा प्रयोग-

और ये मेरी गाड़ी-


क्‍यों आई ना पसंद !!